ज़िंदगी ख्वाब है पुराने लेकिन,
नयी तरह से उसकी मरम्मत की है.
शक्ल बदल गयी है उस खंडर की,
आप भी कहेंगे करामत की है.
दोस्तों, मैंने अब तक जितनी भी ग़ज़लें, शेर-ओ-शायरी की है, सब आपकी खिदमत में हाज़िर कर रहा हूँ। उम्मीद है की आप लोगों को इस नाचीज़ का, ये मोहब्बतभरा नज़राना यकीनन पसन्द आएगा। आपका, हाफ़िज़
ज़िंदगी ख्वाब है पुराने लेकिन,
नयी तरह से उसकी मरम्मत की है.
शक्ल बदल गयी है उस खंडर की,
आप भी कहेंगे करामत की है.
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