उन्होंने ना समझा हमारे प्यार को,
हम ही इश्क में डूबते चले गये।
हम जितने उनके करीब जाने लगे,
वो उतने ही हमसे दूर चले गये।
____ हाफ़िज़
हम ही इश्क में डूबते चले गये।
हम जितने उनके करीब जाने लगे,
वो उतने ही हमसे दूर चले गये।
____ हाफ़िज़
दोस्तों, मैंने अब तक जितनी भी ग़ज़लें, शेर-ओ-शायरी की है, सब आपकी खिदमत में हाज़िर कर रहा हूँ। उम्मीद है की आप लोगों को इस नाचीज़ का, ये मोहब्बतभरा नज़राना यकीनन पसन्द आएगा। आपका, हाफ़िज़
No comments:
Post a Comment