एक दीवाने को आये हैं,
समझाने कईं।
पहले मैं दीवाना था,
अब हैं दीवाने कईं.
समझाने कईं।
पहले मैं दीवाना था,
अब हैं दीवाने कईं.
दोस्तों, मैंने अब तक जितनी भी ग़ज़लें, शेर-ओ-शायरी की है, सब आपकी खिदमत में हाज़िर कर रहा हूँ। उम्मीद है की आप लोगों को इस नाचीज़ का, ये मोहब्बतभरा नज़राना यकीनन पसन्द आएगा। आपका, हाफ़िज़
वाह!! बढिया है.
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