खूबसूरती, शर्मो-हया
की सूरत कैसी होगी।
मोहब्बत के सांचे में ढली,
चाहत की मिट्टी से बनी।
सोचो तो ऐ दोस्त,
प्यार की मूरत कैसी होगी।
_____ हाफ़िज़
की सूरत कैसी होगी।
मोहब्बत के सांचे में ढली,
चाहत की मिट्टी से बनी।
सोचो तो ऐ दोस्त,
प्यार की मूरत कैसी होगी।
_____ हाफ़िज़
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