गुलशन-गुलशन फूल खिले हैं,
पर फूलों में महकार नहीं।
जैसे गोरी के पाँव में पायल है,
पर पायल में झंकार नहीं।
पर फूलों में महकार नहीं।
जैसे गोरी के पाँव में पायल है,
पर पायल में झंकार नहीं।
दोस्तों, मैंने अब तक जितनी भी ग़ज़लें, शेर-ओ-शायरी की है, सब आपकी खिदमत में हाज़िर कर रहा हूँ। उम्मीद है की आप लोगों को इस नाचीज़ का, ये मोहब्बतभरा नज़राना यकीनन पसन्द आएगा। आपका, हाफ़िज़
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