Monday, May 3, 2010

फौलाद हूँ....

ना समझ ज़माने तू कमज़ोर मुझे,
फौलाद हूँ, कमज़ोर नहीं हूँ मैं
किसी कंकर से कभी टूट जाऊँगा,
अरे वो शीशा नहीं हूँ मैं

_____ हाफ़िज़

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