Thursday, May 27, 2010

मौत तू एक कविता है

दोस्तों,
आप सभी के लिए १९७० की मशहूर फिल्म आनंद की ये दिल को छू लेनेवाली कविता पेश करता हूँ

मौत तू एक कविता है,
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको
डूबती नफ्जों में, जब नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिए, चाँद उफ़क तक पहुंचे
दिन अभी पाने में हो, रात किनारे के क़रीब.
ना अँधेरा ना उजाला हो, ना आधी रात ना दिन
जिस्म जब ख़त्म हो, और रूह को जब साँस आये
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको

1 comment:

  1. बहुत पुरानी याद दिलाई..आभार!

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