तेरे हुस्न ने मुझे,
दीवाना बना दिया।
अपनों से दूर करके,
मुझे बेग़ाना बना दिया।
दिल कभी फौलाद था मेरा,
तेरे इश्क ने पिघला दिया।
मेरे दिल के जहान को,
तेरी चाहत ने हिला दिया।
ग़मगीन अंदाज़ को मेरे,
तुने शायराना बना दिया।
तन्हाइनुमा मिजाज़ को मेरे ,
तुने दोस्ताना बना दिया।
कुछ सूझता ही नहीं मुझे,
सिवाय तेरे ख़यालों के।
तेरी याद और ख़यालों ने,
इस दिल को आशियाना बना दिया।
दीवाना बना दिया।
अपनों से दूर करके,
मुझे बेग़ाना बना दिया।
दिल कभी फौलाद था मेरा,
तेरे इश्क ने पिघला दिया।
मेरे दिल के जहान को,
तेरी चाहत ने हिला दिया।
ग़मगीन अंदाज़ को मेरे,
तुने शायराना बना दिया।
तन्हाइनुमा मिजाज़ को मेरे ,
तुने दोस्ताना बना दिया।
कुछ सूझता ही नहीं मुझे,
सिवाय तेरे ख़यालों के।
तेरी याद और ख़यालों ने,
इस दिल को आशियाना बना दिया।
_____ हाफ़िज़
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